WHAT DOES SHIV CHAISA MEAN?

What Does Shiv chaisa Mean?

What Does Shiv chaisa Mean?

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

Glory to Girija’s consort Shiva, that is compassionate to the destitute, who often safeguards the saintly, the moon on whose forehead sheds its beautiful lustre, and in whose ears are classified as the pendants from the cobra hood.

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। more info भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

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